
चैत्र मास का पंचांग 2026, 4 Mar 2026 – 2 Apr 2026, Chaitra maas ka panchang
चैत्र मास का पंचांग 2026, 4 Mar 2026 – 2 Apr 2026, Chaitra maas ka panchang : शुद्ध, शिशिर ऋतु १४/०३/२०२६ से वसंत ऋतु, याम्यगोल, सौम्यायन, दक्षिण काल
चैत्र मास का पंचांग 2026, 4 Mar 2026 – 2 Apr 2026, Chaitra maas ka panchang : शुद्ध, शिशिर ऋतु १४/०३/२०२६ से वसंत ऋतु, याम्यगोल, सौम्यायन, दक्षिण काल
फाल्गुन मास का पंचांग 2026, 2 Frb 2026 – 3 Mar 2026, Falgun maas ka panchang : अशुद्ध ४/२/२०२६ से शुद्ध, शिशिर ऋतु, याम्यगोल, सौम्यायन, पूर्व काल १२/०२/२०२६ से दक्षिण काल
माघ मास का पंचांग 2026, 4 Jan 2026 – 1 Frb 2026, Magh maas ka panchang : अशुद्ध, हेमंत ऋतु, याम्यगोल, याम्यायन, १४/०१/२०२६ से शिशिर ऋतु, सौम्यायन, पूर्व काल
पौष मास का पंचांग 2025, 5 Dec 2025 – 3 Jan 2026, Paush maas ka panchang : शुद्ध ८/१२/२०२५ से अशुद्ध, हेमंत ऋतु, याम्यगोल, याम्यायन, पूर्व काल
मार्गशीर्ष मास का पंचांग 2025, 6 Nov 2025 – 4 Dec 2025 Margshirsha maas ka panchang : शुद्ध, शरद ऋतु १६/११/२०२५ से हेमंत ऋतु, याम्यगोल, याम्यायन, उत्तर काल १६/११/२०२५ से पूर्व काल
कार्तिक मास का पंचांग 2025, 8 Oct 2025 – 5 Nov 2025 Kartik maas ka panchang : दिनांक ८/१०/२०२५ से २१/१०/२०२५ तक, शुद्ध, शरद ऋतु, सौम्य गोल १७/१०/२०२५ से याम्यगोल, याम्यायन, उत्तर काल
आश्विन मास का पंचांग 2025, 8 Sep 2025 – 7 Oct 2025 Ashwin maas ka panchang : आश्विन मास का पंचांग 2025 : शक १९४७, संवत २०८२, दिनांक ८/०९/२०२५ से ७/१०/२०२५ तक, अशुद्ध १६/०९/२०२५ तक तदनन्तर शुद्ध, वर्षा ऋतु १६/०९/२०२५ तक तदनन्तर शरद ऋतु, सौम्य गोल, याम्यायन, उत्तर काल
भाद्रपद माह का पंचांग 2025, 10 Aug 2025 – 7 Sep 2025 Bhadra mah ka panchang : शक १९४७, संवत २०८२, दिनांक १०/०८/२०२५ से ७/०९/२०२५ तक, शुद्ध, ग्रीष्म ऋतु, सौम्य गोल, याम्यायन, काल – पश्चिम, (१६/०८/२०२५ से अशुद्ध)
श्रावण माह का पंचांग 2025, 11 Jul 2025 – 9 Aug 2025 Shravan mah ka panchang : श्रावण मास का पंचांग 2025 : शक १९४७, संवत २०८२, दिनांक ११/०७/२०२५ से ९/०८/२०२५ तक, शुद्ध, ग्रीष्म ऋतु, सौम्य गोल, सौम्यायन, काल – पश्चिम, (१६/०७/२०२३ से वर्षा ऋतु, याम्यायन)
आज का पंचांग शुभ मुहूर्त – aaj ka panchang : यहां दैनिक पंचांग अर्थात आज का पंचांग शुभ मुहूर्त सहित दिया जाता है जो प्रतिदिन मध्यरात्रि को परिवर्तित भी होता है। इसमें तिथि, वार, नक्षत्र, योग, करण, राशि, विभिन्न शुभ मुहूर्त, व्रत-पर्व आदि तो दिये ही जाते हैं इसके साथ ही कुछ और विशेष विषय भी समाहित किया गया है जो अन्यत्र नहीं दिया जाता किन्तु अति उपयोगी है, जैसे : गण्डान्त काल, सौर दिनांक, अर्द्धप्रहरा, शिववास, अग्निवास इत्यादि। इस कारण से प्रज्ञा पंचांग की उपयोगिता बढ़ जाती है।