ज्योतिष सीखें - अक्षांश और देशांतर, समय संस्कार

ज्योतिष सीखें – अक्षांश और देशांतर, समय संस्कार

ज्योतिष सीखें – अक्षांश और देशांतर, समय संस्कार : इष्टकाल बनाने की विधि जानने से पूर्व देशांतर-वेलांतर को जानना और समझना आवश्यक होता है। देशांतर को समझने के लिये रेखांश को समझना आवश्यक होता है एवं रेखांश को समझते समय अक्षांश को भी समझना चाहिये। जिससे समय परिवर्तन की गणितीय क्रिया संपन्न होती है; अक्षांश, रेखांश, देशांतर और वेलांतर संबंधी जानकारी यहां दी गयी है।

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देशांतर - Deshantar

देशांतर – Longitude

देशांतर – Deshantar : सभी पंचांगों में किसी न किसी स्थान विशेष के अक्षांश और रेखांश के आधार पर गणना की जाती है एवं उसमें दिये गये सूर्योदय-सूर्यास्त उसी स्थान विशेष के होते हैं। उस स्थान के अतिरिक्त अन्य स्थानों पर सूर्योदयास्त में 4 मिनट का प्रतिरेखांश होता है इसी अंतर को देशांतर कहा जाता है।

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