दृक पंचांग अर्थात् डिजिटल प्रज्ञा पंचांग की आवश्यकता - Need for Prajna Panchang

दृक पंचांग अर्थात् डिजिटल प्रज्ञा पंचांग की आवश्यकता – Need for Pragya Panchang/Drik Panchag

दृक पंचांग अर्थात् डिजिटल प्रज्ञा पंचांग की आवश्यकता – Need for Prajna Panchang : ऐसे दृक पंचांग (Drik Panchang) की आवश्यकता होती है जो उपयोगकर्ताओं के अनुकूल हो क्योंकि उपलब्ध दृक पंचांगों में अनेकों दोष देखे जाते हैं जिसके कारण उपयोगकर्ताओं के लिये ग्राह्य सिद्ध नहीं होते। इसी कारण प्रज्ञा पंचांग प्रकाशित किया जा रहा है जिसे अधिकाधिक दोषों का निवारण करते हुये उपयोगकर्ताओं के अनुकूल और सहज उपयोग के योग्य बनाने का प्रयास किया गया है।

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अदृश्य पंचांगों का खंडन

अदृश्य पंचांगों का खंडन – Rejection of nondrik panchang

अदृश्य पंचांगों का खंडन – Rejection of nondrik panchang : वर्त्तमान में अधिकांश पंचांग सूर्यसिद्धांत अथवा आधारित सिद्धांतों से ही किया जाता है, किन्तु कालभेद से इसमें भी संस्कार की अपेक्षा है जिसकी उपेक्षा की जाती है और अदृश्यता की सिद्धि होती है। उपरोक्त स्थिति में अदृश्यता को ही ग्राह्य सिद्ध करने का प्रयास किया जाता है एवं प्रमाणों का भी भ्रमजाल बुना जाता है जिसमें स्वयं ही अदृश्य समर्थक फंस जाते हैं।

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