जन्मपत्री बनाने के लिये सर्वप्रथम सूर्योदय को सही करना सीखें ~ suryoday ka samay

जन्मपत्री बनाने के लिये सर्वप्रथम सूर्योदय को सही करना सीखें ~ suryoday ka samay

जन्मपत्री बनाने के लिये सर्वप्रथम सूर्योदय को सही करना सीखें ~ suryoday ka samay : यदि हम सारणी विधि से सूर्यक्रांति और चरमिनट ज्ञात करना सीख लें तो स्थानीय सूर्योदय ज्ञात करना सरल हो जायेगा और यदि सूक्ष्म स्थानीय सूर्योदय ज्ञात करना सीख लें तो इष्टकाल भी शुद्ध होगा।

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गणना का आधार सूर्योदय है तो स्थूल क्यों ~ suryoday ka samay

गणना का आधार सूर्योदय है तो स्थूल क्यों ~ suryoday ka samay

गणना का आधार सूर्योदय है तो स्थूल क्यों ~ suryoday ka samay : पंचांगों में सूक्ष्म सूर्योदय ज्ञात करने की विधि बताई रहती है किन्तु हम उस विधि का अनुसरण नहीं करते अथवा गणितीय क्रियाओं से पीछा छुड़ाते हैं जिस कारण सूर्योदय स्थूल हो जाता है जबकि गणना का आधार सूर्योदय ही होता है क्योंकि इष्टकाल सूर्योदय से ही अंतर होता है अथवा ज्ञात होता है।

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आइये सही-सही चंद्र स्पष्ट करने की विधि जाने - chandra spast kaise kare

आइये सही-सही चंद्र स्पष्ट करने की विधि जाने – chandra spast kaise kare

आइये सही-सही चंद्र स्पष्ट करने की विधि जाने – chandra spast kaise kare : अन्य ग्रहों की भांति अंश/कला/विकला नहीं होते और इसी कारण अन्य ग्रहों की भांति चंद्र स्पष्ट नहीं किया जा सकता अर्थात चंद्र स्पष्ट करने की दूसरी विधि होती है और किसी भी पंचांग से चंद्र स्पष्ट करना हो एक ही विधि है वो है नक्षत्र से चंद्र स्पष्ट करना।

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शताब्दि पंचांग से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि - grah spast karana

शताब्दि पंचांग से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि – grah spast karana

शताब्दि पंचांग से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि – grah spast karana : शताब्दि पंचांग से जन्मपत्रिका निर्माण करने के लिये तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि का ज्ञान अनिवार्य है क्योंकि यदि लग्न ज्ञात करना है तो उसके लिये औदयिक सूर्य राश्यादि अपेक्षित है और अन्य ग्रह स्पष्ट करें अथवा न करें औदयिक सूर्य राश्यादि करने का तो ज्ञान होना ही चाहिये क्योंकि इसके बिना लग्नानयन नहीं किया जा सकता और लग्नानयन के बिना जन्म कुंडली नहीं बनायी जा सकती

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दैनिक ग्रह स्पष्ट से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि - grah spast kaise kare

दैनिक ग्रह स्पष्ट से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि – grah spast kaise kare

दैनिक ग्रह स्पष्ट से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि – grah spast kaise kare : यदि हम इससे विस्तृत जन्म पत्रिका बनाना चाहें तो हमें ग्रह स्पष्ट, भाव स्पष्ट आदि की भी आवश्यकता होती है और अब हम ग्रह स्पष्ट करना सीखेंगे।

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हृषीकेश पंचांग से जन्मपत्री कैसे बनाएं प्रथम भाग - janam patri nirman

हृषीकेश पंचांग से जन्मपत्री कैसे बनाएं प्रथम भाग – janam patri nirman

हृषीकेश पंचांग से जन्मपत्री कैसे बनाएं प्रथम भाग – janam patri nirman : अब हम हृषीकेश पंचांग से एक जन्मपत्रिका निर्माण करके देखेंगे।

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हस्तलिखित जन्म पत्रिका बनाने की विधि प्रथम भाग - janam patrika kaise banaye

हस्तलिखित जन्म पत्रिका बनाने की विधि प्रथम भाग – janam patrika kaise banaye

हस्तलिखित जन्म पत्रिका बनाने की विधि प्रथम भाग – janam patrika kaise banaye : समय संस्कार, इष्टकालानयन, लग्नानयन, जन्मकुंडली निर्माण, चन्द्र कुण्डली निर्माण, भयात-भभोग साधन, महादशा भुक्त-भोग्य वर्षादि साधन, अन्तर्दशा साधन करते हुये एक साथ जन्मपत्रिका निर्माण की पूरी विधि को देखेंगे जन्म पत्रिका लिखना भी सीखेंगे।

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अंतर्दशा कैसे निकाले : अंतर्दशा साधन व अंकन विधि - antardasha kaise nikale

अंतर्दशा कैसे निकाले : अंतर्दशा साधन व अंकन विधि – antardasha kaise nikale

अंतर्दशा कैसे निकाले : अंतर्दशा साधन व अंकन विधि – antardasha kaise nikale : इस आलेख में भुक्त-भोग्य वर्षादि के आधार पर गणना करते हुये वर्त्तमान अन्तर्दशा ज्ञात करने की विधि बताई गयी है और उसके दो उदाहरण भी दिये गये हैं।

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ज्योतिष सीखें : महादशा अंतर्दशा ज्ञात करने की विधि - mahadasha antardasha

ज्योतिष सीखें : महादशा अंतर्दशा ज्ञात करने की विधि – mahadasha antardasha

ज्योतिष सीखें : महादशा अंतर्दशा ज्ञात करने की विधि – mahadasha antardasha : दशाओं के अनेक प्रकार होते हैं जिसमें दो प्रमुख हैं विंशोत्तरी दशा और अष्टोत्तरी दशा। इसमें से विंशोत्तरी दशा का प्रचलन अधिक पाया जाता है। पराशर ने ग्रहों के फल काल हेतु विंशोत्तरी दशा बताया है। विंशोत्तरी दशा का तात्पर्य है १०० से २० अधिक अर्थात १२० वर्ष के आधार पर निर्धारित की गयी दशा।

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भयात भभोग निकालने की विधि जाने हिन्दी में - bhayat bhabhog calculator

भयात भभोग निकालने की विधि जाने हिन्दी में – bhayat bhabhog calculator

भयात भभोग निकालने की विधि जाने हिन्दी में – bhayat bhabhog calculator : जन्मपत्रिका में दशान्तर्दशा अंकित करने की आवश्यकता होती है जिसके लिये चंद्र नक्षत्र का भयात भभोग निकालना आवश्यक होता है। इसके साथ ही यदि चंद्र स्पष्ट करना हो अर्थात तात्कालिक चंद्र बनाना हो तो भी भयात भभोग को ज्ञात करना पड़ता है।

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