ग्रहों का स्वरूप - grahon ka swaroop

ग्रहों का स्वरूप – grahon ka swaroop

ग्रहों का स्वरूप – grahon ka swaroop : सारावली एक आधुनिक ज्योतिष ग्रंथ है, जिसके रचनाकार कल्याण वर्मा हैं। सारावली में में ग्रहों के स्वरूप का विशेष वर्णन मिलता है। यदि हम ग्रहों के स्वरूप को समझना चाहें तो इसमें सारावली अवलोकनीय है। पूर्व आलेख में हम ग्रहों के स्वरूप की संक्षिप्त चर्चा कर चुके हैं यहाँ सारावली के प्रमुख बिन्दुओं के आधार पर ग्रहों के स्वरूप का विस्तृत विवरण प्रस्तुत है:

Read More
ग्रहों के बारे में (ग्रह परिचय) : ग्रहों के वर्ण, लिंग, रंग आदि - grah parichay

ग्रह परिचय : ग्रहों के वर्ण, लिंग, रंग आदि – grah parichay

ग्रह परिचय : ग्रहों के वर्ण, लिंग, रंग आदि – grah parichay : जातक ज्योतिष में हमारे लिये ग्रहों के बारे में विस्तृत जानकारी अपेक्षित है जिसमें से यहां ग्रह परिचय (वर्ण, लिंग, रंग आदि) की चर्चा यहां की गयी है।

Read More
Shadbala - कुंडली में बली ग्रह की पहचान करने के लिये षड्बल कैसे निकालते हैं ?

Shadbala – कुंडली में बली ग्रह की पहचान करने के लिये षड्बल कैसे निकालते हैं ?

Shadbala – कुंडली में बली ग्रह की पहचान करने के लिये षड्बल कैसे निकालते हैं : षड्बल के बिना कुंडली का विश्लेषण अधूरा माना जाता है। केवल ऋषि सूत्रों पर नहीं, गणितीय विधि एवं ग्रंथों के शुद्ध सिद्धांतों के आधार से षड्बल का सही निर्णय ही फलादेश की प्रमाणिकता को सूक्ष्म बनाता है, जिससे व्यक्ति के जीवन में घटित होने वाली घटनाओं की सटीकता बढ़ जाती है।

Read More
ज्योतिष में ग्रहों की दृष्टि का विचार कैसे करते हैं - grah drishti

ज्योतिष में ग्रहों की दृष्टि का विचार कैसे करते हैं – grah drishti

ज्योतिष में ग्रहों की दृष्टि का विचार कैसे करते हैं – grah drishti : जो ग्रह जिस भाव अथवा जिस ग्रह को देख रहा हो वह उससे प्रभावित होता है और इसके लिये ग्रह दृष्टि विचार का ज्ञान होना आवश्यक होता है। यहां हम ग्रहों की दृष्टि का विचार कैसे करते हैं इसे समझने का प्रयास करेंगे।

Read More
कुंडली में पंचधा मैत्री क्या है, कैसे विचार करते हैं - panchadha maitri

कुंडली में पंचधा मैत्री क्या है, कैसे विचार करते हैं – panchadha maitri

कुंडली में पंचधा मैत्री क्या है, कैसे विचार करते हैं – panchadha maitri : पंचधा मैत्री को समझने के लिये हमें सर्वप्रथम इसके निर्धारण के दो प्रकारों को समझना होगा। ग्रहों की मैत्री दो प्रकार की होती है एक नैसर्गिक मैत्री और दूसरी तात्कालिक मैत्री और इन दोनों को समझने के पश्चात् ही पंचधा मैत्री विचार किया जा सकता है, पंचधा मैत्री चक्र का निर्माण किया जा सकता है।

Read More
उच्चादि ग्रहों के फल, उच्च के ग्रह, उच्च ग्रह नीच ग्रह, ग्रहों की उच्च और नीच राशि, uccha graha, uccha neech rashi, uccha nich grah,

ग्रहों की उच्च और नीच राशि, त्रिकोण, स्वगृह एवं उनके फल विचार – uccha nich grah

ग्रहों की उच्च और नीच राशि, त्रिकोण, स्वगृह एवं उनके फल विचार – uccha nich grah : ज्योतिष शास्त्र में फलादेश करने के लिये ग्रहों का विशेष अध्यययन आवश्यक होता है और इसमें अनेकानेक विचार अनिवार्य होते हैं यथा : उच्च, नीच, मूलत्रिकोणी, स्वगृही, मित्रगृही, रिपुगृही आदि।

Read More