नवमांश कुंडली कैसे बनाते हैं - navmansh kundli

नवमांश कुंडली कैसे बनाते हैं – navmansh kundli

नवमांश कुंडली कैसे बनाते हैं – navmansh kundli : यदि षोडश वर्ग अथवा षड्वर्ग न भी बनाया जाय तो भी बहुत सारे ज्योतिषी नवांश कुंडली बनाते हैं। इस आलेख में नवांश कुंडली क्या है यह बताया गया है, नवांश कुंडली कैसे बनायी जाती है यह भी बताया गया है एवं सीखने के लिये उदाहरण भी दिया गया है।

Read More
स्थानीय प्रथम लग्न सारणी निर्माण विधि - lagna sarani nirman

स्थानीय प्रथम लग्न सारणी निर्माण विधि – lagna sarani nirman

स्थानीय प्रथम लग्न सारणी निर्माण विधि – lagna sarani nirman : स्थानीय लग्न सारणी उपलब्ध न होने के कारण निकटतम स्थानों की बनी लग्न सारणी जो पंचांगों में उपलब्ध होती है से लग्न ज्ञात करना होता है जो कई स्थितियों में त्रुटिपूर्ण भी हो सकता है। इसलिये स्पष्ट लग्नानयन हेतु स्थानीय लग्नसारणी की आवश्यकता होती है और इस आलेख में स्वयं ही स्थानीय लग्नसारणी का निर्माण कैसे कर सकते है बताया गया है।

Read More
स्वोदय विधि से शुद्ध लग्न निकालने की विधि - lagna kaise nikalte hain

स्वोदय विधि से शुद्ध लग्न निकालने की विधि – lagna kaise nikalte hain

स्वोदय विधि से शुद्ध लग्न निकालने की विधि – lagna kaise nikalte hain : स्पष्ट लग्नानयन के लिये अक्षांश से पलभा, पलभा से चरखण्ड, लंकोदय में चरखण्ड संस्कार करके स्वोदय मान, सायन सूर्य भुक्तांश तदनन्तर भुक्त लग्न अंशादि ज्ञात किया जाता है। आलेख में पूरी विधि उदाहरण सही बताई गयी है।

Read More
लग्नानयन : अक्षांश से पलभा, पलभा से चरखण्ड और चरखंड से स्वोदय मान कैसे बनायें - palbha charkhand swoday

लग्नानयन : अक्षांश से पलभा, पलभा से चरखण्ड और चरखंड से स्वोदय मान कैसे बनायें – palbha charkhand swoday

लग्नानयन : अक्षांश से पलभा, पलभा से चरखण्ड और चरखंड से स्वोदय मान कैसे बनायें – palbha charkhand swoday : लग्न यदि शुद्ध न हो तो कुंडली भी त्रुटिपूर्ण हो सकती है। यदि षड्वर्ग, सप्तवर्ग, षोडशवर्ग आदि बनाना हो तब तो शुद्ध लग्न ज्ञात करना अनिवार्य हो जाता है। शुद्ध लग्न ज्ञात करने के लिये स्वोदय मान का प्रयोग करना आवश्यक होता है। इस आलेख में अक्षांश से पलभा बनाना, पलभा से चरखण्ड बनाना और फिर लंकोदय में चरखण्ड संस्कार पूर्वक स्वोदय बनाना बताया गया है।

Read More
श्री वेंकटेश्वर शताब्दि पंचांग से जन्म पत्रिका बनाना सीखे ~ janam kundli banana sikhe

श्री वेंकटेश्वर शताब्दि पंचांग से जन्म पत्रिका बनाना सीखे ~ janam kundli banana sikhe

श्री वेंकटेश्वर शताब्दि पंचांग से जन्म पत्रिका बनाना सीखे ~ janam kundli banana sikhe : यहां हम एक जन्मपत्रिका का निर्माण विस्तृत विश्लेषण करते हुये करेंगे। इसमें चर मिनट से सूक्ष्म सूर्योदय ज्ञात करके उसके आधार पर इष्टकाल ज्ञात करेंगे, ग्रह स्पष्ट करेंगे, दशान्तर्दशा अंकित करेंगे।

Read More
जन्मपत्री बनाने के लिये सर्वप्रथम सूर्योदय को सही करना सीखें ~ suryoday ka samay

जन्मपत्री बनाने के लिये सर्वप्रथम सूर्योदय को सही करना सीखें ~ suryoday ka samay

जन्मपत्री बनाने के लिये सर्वप्रथम सूर्योदय को सही करना सीखें ~ suryoday ka samay : यदि हम सारणी विधि से सूर्यक्रांति और चरमिनट ज्ञात करना सीख लें तो स्थानीय सूर्योदय ज्ञात करना सरल हो जायेगा और यदि सूक्ष्म स्थानीय सूर्योदय ज्ञात करना सीख लें तो इष्टकाल भी शुद्ध होगा।

Read More
गणना का आधार सूर्योदय है तो स्थूल क्यों ~ suryoday ka samay

गणना का आधार सूर्योदय है तो स्थूल क्यों ~ suryoday ka samay

गणना का आधार सूर्योदय है तो स्थूल क्यों ~ suryoday ka samay : पंचांगों में सूक्ष्म सूर्योदय ज्ञात करने की विधि बताई रहती है किन्तु हम उस विधि का अनुसरण नहीं करते अथवा गणितीय क्रियाओं से पीछा छुड़ाते हैं जिस कारण सूर्योदय स्थूल हो जाता है जबकि गणना का आधार सूर्योदय ही होता है क्योंकि इष्टकाल सूर्योदय से ही अंतर होता है अथवा ज्ञात होता है।

Read More
आइये सही-सही चंद्र स्पष्ट करने की विधि जाने - chandra spast kaise kare

आइये सही-सही चंद्र स्पष्ट करने की विधि जाने – chandra spast kaise kare

आइये सही-सही चंद्र स्पष्ट करने की विधि जाने – chandra spast kaise kare : अन्य ग्रहों की भांति अंश/कला/विकला नहीं होते और इसी कारण अन्य ग्रहों की भांति चंद्र स्पष्ट नहीं किया जा सकता अर्थात चंद्र स्पष्ट करने की दूसरी विधि होती है और किसी भी पंचांग से चंद्र स्पष्ट करना हो एक ही विधि है वो है नक्षत्र से चंद्र स्पष्ट करना।

Read More
शताब्दि पंचांग से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि - grah spast karana

शताब्दि पंचांग से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि – grah spast karana

शताब्दि पंचांग से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि – grah spast karana : शताब्दि पंचांग से जन्मपत्रिका निर्माण करने के लिये तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि का ज्ञान अनिवार्य है क्योंकि यदि लग्न ज्ञात करना है तो उसके लिये औदयिक सूर्य राश्यादि अपेक्षित है और अन्य ग्रह स्पष्ट करें अथवा न करें औदयिक सूर्य राश्यादि करने का तो ज्ञान होना ही चाहिये क्योंकि इसके बिना लग्नानयन नहीं किया जा सकता और लग्नानयन के बिना जन्म कुंडली नहीं बनायी जा सकती

Read More
दैनिक ग्रह स्पष्ट से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि - grah spast kaise kare

दैनिक ग्रह स्पष्ट से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि – grah spast kaise kare

दैनिक ग्रह स्पष्ट से तात्कालिक ग्रह स्पष्ट करने की विधि – grah spast kaise kare : यदि हम इससे विस्तृत जन्म पत्रिका बनाना चाहें तो हमें ग्रह स्पष्ट, भाव स्पष्ट आदि की भी आवश्यकता होती है और अब हम ग्रह स्पष्ट करना सीखेंगे।

Read More