
हृषीकेश पंचांग से जन्मपत्री कैसे बनाएं प्रथम भाग – janam patri nirman
हृषीकेश पंचांग से जन्मपत्री कैसे बनाएं प्रथम भाग – janam patri nirman : अब हम हृषीकेश पंचांग से एक जन्मपत्रिका निर्माण करके देखेंगे।
हृषीकेश पंचांग से जन्मपत्री कैसे बनाएं प्रथम भाग – janam patri nirman : अब हम हृषीकेश पंचांग से एक जन्मपत्रिका निर्माण करके देखेंगे।
हस्तलिखित जन्म पत्रिका बनाने की विधि प्रथम भाग – janam patrika kaise banaye : समय संस्कार, इष्टकालानयन, लग्नानयन, जन्मकुंडली निर्माण, चन्द्र कुण्डली निर्माण, भयात-भभोग साधन, महादशा भुक्त-भोग्य वर्षादि साधन, अन्तर्दशा साधन करते हुये एक साथ जन्मपत्रिका निर्माण की पूरी विधि को देखेंगे जन्म पत्रिका लिखना भी सीखेंगे।
अंतर्दशा कैसे निकाले : अंतर्दशा साधन व अंकन विधि – antardasha kaise nikale : इस आलेख में भुक्त-भोग्य वर्षादि के आधार पर गणना करते हुये वर्त्तमान अन्तर्दशा ज्ञात करने की विधि बताई गयी है और उसके दो उदाहरण भी दिये गये हैं।
ज्योतिष सीखें : महादशा अंतर्दशा ज्ञात करने की विधि – mahadasha antardasha : दशाओं के अनेक प्रकार होते हैं जिसमें दो प्रमुख हैं विंशोत्तरी दशा और अष्टोत्तरी दशा। इसमें से विंशोत्तरी दशा का प्रचलन अधिक पाया जाता है। पराशर ने ग्रहों के फल काल हेतु विंशोत्तरी दशा बताया है। विंशोत्तरी दशा का तात्पर्य है १०० से २० अधिक अर्थात १२० वर्ष के आधार पर निर्धारित की गयी दशा।
भयात भभोग निकालने की विधि जाने हिन्दी में – bhayat bhabhog calculator : जन्मपत्रिका में दशान्तर्दशा अंकित करने की आवश्यकता होती है जिसके लिये चंद्र नक्षत्र का भयात भभोग निकालना आवश्यक होता है। इसके साथ ही यदि चंद्र स्पष्ट करना हो अर्थात तात्कालिक चंद्र बनाना हो तो भी भयात भभोग को ज्ञात करना पड़ता है।
राशि चक्र अर्थात चंद्र कुंडली निर्माण करना सीखें – chandra kundali : जन्म पत्रिका में जन्म कुंडली/लग्न कुंडली निर्माण के पश्चात् राशि चक्र अर्थात राशि कुंडली अथवा चंद्र कुंडली निर्माण भी किया जाता है। लग्न कुंडली की भांति ही चंद्र कुंडली से भी फलादेश का विचार किया जाता है और राशिफल (rashifal) जो होता है वह चंद्र कुंडली से ही ज्ञात होता है।
हृषीकेश पंचांग से जन्म कुंडली बनाना सीखे ~ janam kundli banana sikhe : वर्त्तमान काल में जन्म समय का भी सेकेंड दिया जाने लगा है भले ही वह अशुद्ध ही क्यों न हो। देशांतर हेतु हम सेकेंड का भी प्रयोग करते हैं तो बेलांतर के लिये भी हम सेकेंड का भी प्रयोग करेंगे और इसके लिये
आओ झट-पट जन्म कुंडली बनाना सीखे ~ janam kundli banana sikhe : मुहूर्त शोधन हेतु जब कुंडली बनाना होता है तो झट-पट कुंडली निर्माण की भी विधि है और विस्तृत जन्म कुंडली बनाना हो तो उसके लिये जटिल विधि भी है।
सरलता से सीखें लग्न निकालने की विधि : lagna kaise nikale : सर्वप्रथम हम लग्न को समझेंगे और उसके ज्ञात करने की सरल विधि (सारणी विधि) को जानेंगे अर्थात दैनिक लग्न सारणी और प्रथम लग्न सारणी दोनों विधि से लग्न ज्ञात करना सीखेंगे। शुद्ध लग्नानयन अथवा सूक्ष्म लग्नानयन की गणितीय प्रक्रिया कुछ जटिल है जिसे अगले आलेखों में समझेंगे।
पंचांग देखना कैसे सीखें – panchang dekhna sikhe : आप ज्योतिष न भी सीखना चाहते हों तो भी आपको पंचांग देखने की जानकारी होना आवश्यक है। आप ज्योतिषी हैं अथवा नहीं, आप कर्मकांडी हैं अथवा नहीं आप मात्र धर्म में आस्था रखते हैं, धर्माचरण (व्रतादि) करते हैं तो आपको पंचांग का ज्ञान होना आवश्यक है। यदि आप पंचांग देखने की विधि सीखना चाहते हैं तो यह आलेख आपके लिये विशेष उपयोगी है क्योंकि यहां कई प्रमुख पंचांगों को देखने की विधि बताई गयी है।